जैतारणजोधपुरबीलाडाभारतराजस्थान

बिलाड़ा में पर्यटन उद्योग की अपार संभावनाएं, फिर भी हो रही अनदेखी बिलाड़ा के पर्यटन केन्द्रों का हो पूरा विकास

बिलाड़ा में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं। बिलाड़ा में अनेक किले, गढ़, महल, हवेलियां, प्राचीन छतरियां एवं भवन हैं तो दूसरी तरफ धार्मिक स्थल भी देश-विदेश में अपनी अलग पहचान रखते हैं। वहीं प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की भी कमी नहीं है। इसके बावजूद बिलाड़ा में पर्यटक रूपी ‘पावणों’ के चरण कम ही पड़ते हैं। पिछले कई सालों से जिले में पर्यटन उद्योग को विकसित करने की बातें तो हो रही हैं, लेकिन धरातल पर काम नहीं हो रहा है।औपचारिकता निभाने के लिए समय-समय पर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठकों में पर्यटन विभाग के अधिकारियों को इस सम्बन्ध में निर्देश जारी किए जाते हैं, लेकिन अधिकारी एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देते हैं, यही कारण है कि जिले के पर्यटन स्थल आज भी पर्यटकों की बाट जोह रहे हैं। इसकी एक प्रमुख वजह यह भी है कि बिलाड़ा में पर्यटन विभाग का कोई अधिकारी नहीं बैठता, मुख्यमंत्री से लेकर देश-विदेश के लोग कल्पवृक्ष के दर्शन के लिए आते हैं।ये हैं बिलाड़ा के प्रमुख पर्यटन स्थलजिले के पर्यटन स्थलों की बात करें तो लम्बी सूची हैं, जिनमें कई राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान रखते हैं। बिलाड़ा मुख्यालय बिलाड़ा का प्रसिद्ध कल्पवृक्ष, ऐतिहासिक आई माताजी का मंदिर, हर्षा देवल,बाणगंगा,व राजा बलि का मंदिर , नाथद्वारा सहित कई पर्यटन स्थल हैं। इसी प्रकार से बिलाड़ा शहर के आसपास बाला गांव में सतीजी का मंदिर, पड़ासला गांव में माताजी का मंदिर खेजड़ला गांव में खेजड़ला पोर्ट, व भेसाद माताजी मंदिर स्मारक सहित दर्जनों पुरामहत्व, धार्मिकPali Lok Sabha Election 2024: पाली में BJP रिपीट या कांग्रेस को मौका? समझ लीजिए चुनावी समीकरण एवं सांस्कृतिक महत्व के दर्शनीय स्थल हैं, जहां पर्यटकों को लाया जाए तो न केवल सरकार को राजस्व आय होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। आज कई देश केवल पर्यटन उद्योग के दम पर विकसित देशों की श्रेणी में खड़े हैं।बिलाड़ा का इतिहास बिलाड़ा का सम्बध दैत्यराज राजा बलि से हैं |बताते है की राजा बलि का यहाँ राज्य था | उसने पिचियाक में बहुत बड़ा यज्ञ किया जिसके प्रमाण में बताते है कि एक स्थान पर यज्ञ के लिए सैकड़ो मण घी एकत्र किया गया था

Related Articles

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button